Wednesday, December 14, 2011

जाको प्रिय न राम बैदेही
ताजिये तासु कोटि बैरी  सम यद्यपि परम स्नेही 

Wednesday, October 6, 2010

" गणपति बंदना "

हे     शिव नंदन   गजानन     प्रभुजी  I
थारी  मैं   पूजा करूँ  किस बिद्ध   जी  I I

दूब    चढाऊँ   थारै ,   पुष्प     चढाऊँ ,
मौदक  भोग  लगाऊं , म्हारा प्रभुजी  I

कुमकुम - अबीर ,      गुलाल चधाऊँ ,
चन्दन -कस्तूरी  , थारै  तिलक लगाऊं I

छप्पन भोग ,      छत्तीसूं       ब्यंजन  ,
लड्डूअन  भोग ,  लगाओ       प्रभुजी  I

शक्ति का प्यारा ,            शंकर दुलारा  ,
किस बिद्ध थारी     म्हे,  आरती  उताराँ I

तुम   हो   दयालु ,     बड़े   ही   कृपालु ,
निर्गुण को   गुणी  बनाओ  म्हारा प्रभुजी  I

कारज   सारो म्हारा ,    विघ्न  हटाओ ,
रिद्ध - सिद्ध संग  पधारो   म्हारा प्रभुजी I

बुद्धि के दाता  ,             भाग्य विधाता ,
जीवन म्हारो , सुधारो      म्हारा प्रभुजी  I

लक्ष्मी नारायण        ,थारो गुण गावै ,
रण थम्भोर सूं, पधारो     म्हारा प्रभुजी I

रचनाकार ----लक्ष्मीनारायण जोशी  दिनांक ०७.१०.१० सुबह ५ बजे

Tuesday, October 5, 2010

paramsneh परमस्नेह

आज दिन मैं सर्व  प्रथम श्री गणेश जी महाराज का स्मरण करता हूँ तत्पश्चात अपने प्रितेश्वरी गन को नमन करता हूँ I
अब माँ शारदा की बंदना करता हूँ I मेरे गुरु चरणों में शीश झुकता हूँ I अपने इष्टदेव श्री हनुमानजी महाराज और मेरे मातापिता को प्रणाम करता हूँ I  पंचतत्वों और सभी दिशाओं को प्रणाम करता हूँ और उनकी आराधना करता हूँ I सभी
प्राणी वर्ग को प्रणाम करता हूँ I सभी ग्रहों को प्रणाम करता हूँ और उनसे कृपादृष्टि बनाये रखने की अर्चना करता हूँ I
सभी देवताओं को प्रणाम करते हुए उनसे आशीर्वाद बनाये रखने की प्रार्थना करता हूँ I
अंत में मैं उन सब को प्रणाम करता हूँ जिनको मैं स्मरण नहीं कर पाया I मैं अपने सभी आदरणीय ,प्रियजन और मित्रों
से भी स्नेह एवं आशीर्वाद चाहता हूँ I
आज के इस सुभ दिन को मैं अपने जीवन में महत्वपूर्ण मानूंगा की आज से एक मंच paramsneh  परम्स्नेह का प्रारंभ हुआ है
विधिवत घोषणा ईश्वरीय कृपा से अति शीघ्र करूँगा I

ॐ शांती एवं परम स्नेह